कौन हैं आसिम रजा? जिन्हें रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए खुद आजम खान ने पत्नी के ऊपर दी तरजीह

रामपुर लोकसभा उप चुनाव के लिए आजम खान ने आसिम रजा को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का प्रत्याशी घोषित किया। इस प्रकार एक बार फिर आजम खान ने इस सीट पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को उतार दिया है। इससे रामपुर की राजनीति में चुनावी लड़ाई की तस्वीर साफ हो गई है।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर (Rampur) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने आसिम रजा (Asim Raja) को लोकसभा उप चुनाव का टिकट थमा दिया है। इस प्रकार साफ हो गया कि रामपुर लोकसभा सीट (Rampur Lok Sabha Seat) पर आजम खान के परिजन को इस बार टिकट नहीं मिल सका। रामपुर लोकसभा सीट आजम खान ने खाली की थी। इसके बाद से चर्चा चल रही थी कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी आजम खान के परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाएगी। पिछले दिनों दिल्ली के अस्पताल में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और आजम खान (Azam Khan) की मुलाकात के बाद से माना जा रहा था कि रामपुर के रण को लेकर स्थिति साफ हो गई है। रामपुर लोकसभा चुनाव को लेकर दावा किया जाने लगा था कि उनकी पत्नी तंजीन फात्मा या बहू सिदरा खान को यहां से टिकट मिल सकता है। लेकिन, आजम खान ने सोमवार की दोपहर तक बने सस्पेंस को आसिम रजा के नाम के साथ समाप्त कर दिया।

रामपुर लोकसभा सीट से आसिम रजा के ऐलान के साथ ही साफ हो गया है कि अब दोनों ही लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के नाम तय हो गए हैं। आजमगढ़ से पहले ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव (Dharmendr Yadav) को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी की गई। धर्मेंद्र यादव ने आजमगढ़ जिला कार्यालय में पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया। वहीं, रामपुर में आसिम रजा की ओर से भी नामांकन दाखिल किया जा रहा है। आसिम रजा को लेकर पहले से कोई चर्चा नहीं थी। हालांकि, रामपुर की राजनीति में उनका नाम काफी लिया जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि आजम खान ने अपने परिवार से बाहर निकलकर पार्टी का एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

अखिलेश के भी करीबी हैं आसिम

सपा के लोकसभा उप चुनाव में उम्मीदवार बनाए गए आसिम रजा आजम खान के करीबी होने के साथ-साथ अखिलेश यादव के भी करीबी माने जाते हैं। उन्हें रामपुर का सपा नगर अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ नजदीकी के साथ-साथ वे आजम खान के भी खास रहे हैं। यूपी चुनाव के दौरान आसिम रजा ने ही रामपुर विधानसभा सीट से आजम खान के लिए चुनावी प्रक्रिया का पूरा दारोमदार संभाला था। आसिम रजा ने उनके जेल में रहने के क्रम में नामांकन प्रक्रिया को पूरी कराने के साथ-साथ अन्य तमाम कार्यवाई को पूरा कराया था।

आसिम रजा के नाम की घोषणा के साथ ही आजम खान ने साफ कर दिया है कि वे परिवार वाली राजनीति से बाहर निकल रहे हैं। अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ में चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को टिकट देने के बाद इस प्रकार की घोषणा ने रामपुर की राजनीति को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी की रणनीति को काटने के लिए आजम खान उप चुनाव के मैदान में कितना सक्रिय रह पाते हैं। अगर वे चुनावी मैदान में उतरे तो आसिम रजा के लिए राह आसान होगी।

Input-nbt

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