निम्बाहेड़ा में उर्दू लाइब्रेरी का उद्घाटन ।

समारोह के अध्यक्ष और उर्दू लाइब्रेरी के संस्थापक डा. अब्दुल रशीद अगवान ने कहा कि किसी भी समाज के विकास में किताबों और लाइब्रेरियों की अहमियत हमेशा से रही है और रहेगी।

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वाल्दासाहब संदलबाई ट्रस्ट के तहत निम्बाहेड़ा में एस. एस. मेमोरियल उर्दू लाइब्रेरी का उद्घाटन करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि श्री सुभाष शारदा अध्यक्ष नगरपालिका निम्बाहेड़ा ने कहा कि कोई भी भाषा हमारी ज़रूरत नहीं बल्कि हमारा जीवन होती है और भाषाओं की विविधता समाज को समृद्ध बनाती है। उन्होंने ख़ुशी प्रकट की कि शहर में उर्दू को बढ़ावा देने के लिए यह लाइब्रेरी क़ायम की जा रही है जिससे बहुत से लोगों को फायदा होगा और उर्दू की साहित्यिक महक और बढ़ेगी। 

समारोह के अध्यक्ष और उर्दू लाइब्रेरी के संस्थापक डा. अब्दुल रशीद अगवान ने कहा कि किसी भी समाज के विकास में किताबों और लाइब्रेरियों की अहमियत हमेशा से रही है और रहेगी। उन्होंने यह जानकारी दी कि इस लाइब्रेरी में उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी भाषा की किताबें भी रखी जाएंगी और यहां से ऐसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी जो छात्रों और युवाओं के व्यक्तित्व विकास में सहायक हों जैसे कोचिंग, कैलीग्राफ़ी प्रशिक्षण, साहित्यिक प्रतियोगीताएं, वग़ैरह।

केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व अअसिस्टेंट रजिस्ट्रार मोहम्मद मोइनुद्दीन ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए इस लाइब्रेरी के लिए अपने सहयोग का वादा किया और उम्मीद जताई कि बड़े पैमाने पर छात्र और युवा इससे जुड़ेंगे और उर्दू भाषा की गंगा-जमुनी तहज़ीब को आगे बढ़ायेंगे।

निम्बाहेड़ा के मशहूर शायर वसीम इरफ़ानी ने निम्बाहेड़ा के इतिहास में उर्दू की भूमिका पर रोशनी डालते हुए कहा कि उर्दू पर सबसे बड़ा ज़ुल्म इसे किसी ख़ास वर्ग से जोड़ कर देखना है जबकि इससे प्रेम करने और इसे समृद्ध करने वाले हर वर्ग से आते रहे हैं।

उर्दू लाइब्रेरी की स्थापना पर ख़ुशी जताते हुए सेकेंडरी स्कूल निम्बाहेड़ा में उर्दू की लेक्चरर डा. शमा ख़ान ने उर्दू की शिक्षा से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताया जबकि मेवाड़ यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर नाहीद फातिमा ने अपने अनुभव साझा करे हुए कहा कि बहुत से लोग उर्दू सीखना चाहते हैं मगर उनके लिए अवसरों की कमी पाई जाती है।

मशहूर शायर ऐजाज़ अहमद, पत्रकार डा. शौकीन वर्मा, रज़ा एजूकेशन एण्ड वेल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष मोहम्मद फारूक़, रिटायर्ड प्रिंसीपल और उर्दू लाइब्रेरी के संचालक फ़ैज अहमद गोरी, आदि ने भी अपने विचार रखे। दसवीं की छात्रा नुरैन ख़ान ने नात पढ़ी, एडवोकेट ज़मीर अहमद जमील ने उर्दू पर नज़्म पढी और हाफिज़ मोहम्मद इमरान निज़ामी ने तिलावत की। समारोह का संचालन कृति संस्थान के सचिव सिराज अहमद ख़ान ने किया।

समारोह में बड़ी तादाद में लोग शरीक हुए जिनमें रिटायर्ड प्रिंसीपल इम्तियाज़ अहमद, उर्दू लेक्चरर डा अशफाक़ मंसूरी, पार्षद शम्शुल क़मर, मददगार सोसाइटी के अध्यक्ष शाकिर पेंटर, निशात एकेडमी के अध्यक्ष आसिम ख़ान, आसिफ ख़ान, पूर्व पार्षद फ़िरोज़ मेव, अज़म फाउंडेशन के अज्जू ख़ान, एडवोकेट साजिद अली, एडवोकेट सरफराज़, मंसूरी जमात के गुलाम नबी, वाल्दासाहब संदलबाई ट्रस्ट के सहसचिव अब्दुल रहमान, कोशिश संस्थान के उस्मान साथी, टीचर अब्दुल रहमान, रिटायर्ड अधिकारी ज़फर ख़ान, साबिर अली, मोहम्मद ताहिर ख़ान, वग़ैरह शामिल हैं।

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