सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अफसरों को जेल भेज देने से नहीं मिलेगी ऑक्सीजन; केंद्र के अफसरों के खिलाफ हाईकोर्ट के अवमानना नोटिस पर रोक

दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जारी अवमानना नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह राष्ट्रीय आपदा है। लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं।

अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाने या अधिकारियों को जेल में डालने से ऑक्सीजन नहीं आ जाएगी। ये मुश्किल वक्त है। लोगों की जिंदगी दांव पर है और सभी का सहयोग जरूरी है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के अधिकारी तुरंत एक मीटिंग करें।

कोर्ट ने कहा, केंद्र सरकार बुधवार रात 12 बजे तक दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई करने का प्रयास करे। हमें इसकी जानकारी गुरुवार सुबह दी जाए। अगली सुनवाई गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे होगी।

ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई करने के 2 मई के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए अवमानना नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ केंद्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। तुरंत सुनवाई की मांग पर चीफ जस्टिस रमना ने जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ को यह मामला सौंप दिया।

केंद्र ने कहा- दिल्ली की मांग जायज नहीं; कोर्ट बोला- आधी रात तक सप्लाई हो

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की प्रतिदिन मांग करना जायज नहीं है। मेहता ने बताया कि 4 मई को 585 मीट्रिक टन और 5 मई, दोपहर 12 बजे तक दिल्ली को 351 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जा चुकी थी। जस्टिस शाह ने कहा कि कोशिश करें कि बुधवार आधी रात तक दिल्ली में 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचे।

जब 92 हजार केस थे, ऑक्सीजन की मांग 275 मीट्रिक टन ही थी

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम बॉम्बे हाईकोर्ट के उदाहरण से सीखना चाहते हैं। मेहता ने कहा कि हमने मुंबई से जानकारी मांगी है, जिसे राज्यों से साझा किया जाएगा। जब मुंबई में 92 हजार केस थे, तब भी वहां पर मांग 275 मीट्रिक टन थी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने अवमानना नोटिस पर रोक लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली के अधिकारी 3 दिन में मुंबई के अफसरों से बात करें। अगली सुनवाई पर हम देखेंगे कि निष्पक्ष एक्सपर्ट कमेटी के नेतृत्व में किसी वैज्ञानिक ऑडिट की जरूरत है या नहीं।

हर बेड पर ऑक्सीजन देने का फॉर्मूला वैज्ञानिक नहीं है

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें 3 बातों पर विचार करना है। पहली- ऑक्सीजन प्रति बेड फॉर्मूला वैज्ञानिक नहीं है। सबको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती। दूसरी- दिल्ली में ऑक्सीजन का वितरण कैसे बेहतर हो? तीसरी- ऑक्सीजन की सप्लाई कैसे बढ़े।

अफसर दिन-रात काम कर रहे हैं

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अधिकारियों पर कार्रवाई का कोई इरादा नहीं है। हमें पता है कि अधिकारी दिन-रात काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के हेल्थवर्कर्स की तारीफ की

नई दिल्ली. केरल के सीएम पी. विजयन ने राज्य की नर्सों व अन्य हेल्थवर्कर्स की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्र से 73,38,806 डोज मिले थे, हमने 74,26,164 डोज दिए। हमने हर वाइल में वेस्टेज फैक्टर के तौर पर दी गई डोज का भी इस्तेमाल किया। विजयन की इस पोस्ट को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केरल की नर्सों ने मिसाल पेश की है।