फैल रहा Black Fungus, स्थितियां हो सकती हैं और गंभीर, दवा और इंजेक्शन नहीं

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दिल्ली : कोरोना के साथ साथ अब ब्लैक फंगस ने सरकारों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. एक और हरियाणा जहां Black Fungus को अधिसूचित बीमारी घोषित कर चुकी है वहीं राजस्थान सरकार ने Black Fungus को महामारी घोषित कर दिया है. दिल्ली में Black Fungus के मामले बढ़ रहे हैं वहीं महाराष्ट्र में ये मामले बढ़कर 1500 हो गए हैं और अब तक 80 लोगों की मौत हो गई है नोएडा में भी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अभी अधिकांश मरीजों को यह बीमारी शुरुआती स्टेज में है, लेकिन जिले में इसकी दवाएं और इंजेक्शन उपलब्ध न होने की वजह से अधिकांश डॉक्टर मरीजों का इलाज शुरु नहीं कर पा रहे हैं। इससे मरीजों की स्थिति गंभीरता होती जा रही है। जिम्स में इस बीमारी के लिए कुछ दवाएं पहुंच गई हैं, लेकिन शहर के अन्य अस्पतालों को फिलहाल इंतजार करना होगा। ऐसे में तीमारदार परेशान हो रहे हैं।

हाई डोज स्टोरॉयड के इस्तेमाल और सेल्फ इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से शहर में कोरोना को मात दे चुके तमाम मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आ रहे हैं। पहले लोग इसे लेकर जागरूक नहीं थे लेकिन अब स्थिति यह है कि लक्षण दिखते ही डॉक्टरों के पास जा रहे हैं लेकिन दवाओं और इंजेक्शन उपलब्ध न होने से बीमारी बढ़ती जा रही है।

बाजार में उपलब्ध नहीं दवा और इंजेक्शन
आईएमए (इंडियन मेडिकल असोसिएशन, नोएडा) नोएडा की जनरल सेक्रेटरी डॉ. मोहिता शर्मा ने बताया कि आईएमए से जुड़े कई डॉक्टरों के पास ब्लैक के मरीज आ रहे हैं। मैं आई स्पेशलिस्ट हूं। मेरे पास इस समय 12 मरीज इलाज के लिए हैं। पिछले 5-6 दिन में ये मरीज मेरे पास आए हैं और मैं इनका इलाज शुरू नहीं कर पा रही हूं। दवा और इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है।

गंभीर हो सकती हैं स्थितियां
वहीं जिले के हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से भी अभी तक दवाएं व इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। मुझे सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है अगर अगले दो-चार दिन में इन मरीजों का का इलाज शरू नहीं हो पाया तो इनकी स्थिति गंभीर हो जाएगी। अभी दवा और इंजेक्शन से ही ये मरीज ठीक हो सकते हैं। एक मरीज को एक दिन में इंजेक्शन के कई डोज की जरूरत पड़ती है। यह इंजेक्शन भी महंगा है।

समझिए ब्लैक फंगस में किस स्टेज में क्या होता है:-
स्टेज 1: यह फंगस की शुरुआत है जो नाक से होती है। इसमें वायरस नाक में ही रहता है।
लक्षण: जुकाम, नाक बंद हो जाना, नाक से ब्लड आना, दर्द, चेहरे पर सूजन व कालापन आना।

स्टेज 2: इसमें फंगस नाक से साइनस में पहुंच जाता है। आंख की एक नस साइनस से होते हुए ब्रेन में जाती है, इससे वो भी ब्लॉक होती है।
लक्षण: आंख में दर्द बढ़ता है, आंखों में सूजन आना शुरू हो जाती है, साथ ही आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है।

स्टेज 3: इसमें वायरस आंख के अंदर चला जाता है। साथ ही फेफड़े में भी जा सकता है।
लक्षण: आंख हिलती नहीं हैं, बंद हो जाती है, जिससे दिखना भी बंद हो जाता है। फेफड़े में जाने पर खांसी और जकड़न जैसी समस्या हो सकती है।

स्टेज 4: इसमें वायरस ब्रेन में चला जाता है।
लक्षण: इसमें मरीज बेहोश होने लगता है, अन्य मानसिक दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं।

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