एक साथ सॉफ्टवेयर पर होगी लगभग 25 हजार स्टूडेंट्स की रिकॉर्डिंग; तीन कंपनियों ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट देकर दी प्रेजेंटेशन

पंजाब यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस के साथ-साथ इस बार एग्जाम भी सॉफ्टवेयर के जरिए कराए जा सकते हैं। अभी तक काम चलाऊ एग्जामिनेशन सिस्टम के कारण बड़े स्तर पर नकल होती रही है लेकिन अब ऐसे सिस्टम का उपयोग होगा जहां पर लगभग 25000 स्टूडेंट्स की रिकॉर्डिंग एक साथ सॉफ्टवेयर पर हो जाएगी और टीचर इसको चेक कर सकते हैं। इनविजिलेशन और स्टूडेंट से सवाल-जवाब भी संभव होगा।

तीन कंपनियों ने इसको लेकर यूनिवर्सिटी को अपना एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट देकर प्रेजेंटेशन दी है। अब रिपोर्ट तैयार कर फाइनेंस डिपार्टमेंट को जाएगी इसकेे आधार पर बाद में टेंडर किए जाने की संभावना है। कंपनियों ने जो प्रेजेंटेशन कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन प्रो. जगत भूषण, पूर्व DUI प्रो. RK सिंगला, रजिस्ट्रार विक्रम नैयर और अन्य कई टीचरों वाली कमेटी के सामने दी है, उसमें एक ही पोर्टल पर सारे काम हो जाएंगे। इसके जरिए मास लेवल पर होने वाली नकल को रोकने में भी कामयाबी मिलेगी।

यूनिवर्सिटी से हर साल लगभग 2.8 लाख स्टूडेंट्स पेपर देते हैं। 2 सेमेस्टर से जो एग्जाम हो रहे हैं, उसमें यूनिवर्सिटी ने कैमरा ऑन रखने की कोई शर्त नहीं रखी हुई है। अभी तक एनवायरमेंट व एकाध पेपर को छोड़कर किसी में भी ग्रामीण इलाकों से भी कोई शिकायत नहीं आई है। हालांकि यह शिकायत जरूर आई है कि ग्रामीण इलाकों में साइबर कैफे स्टूडेंट्स से बहुत ज्यादा वसूली कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में कैमरा ऑन रखने की शर्त रखी हुई थी और उन्होंने हर 25 स्टूडेंट पर एक टीचर या रिसर्च स्कॉलर की ड्यूटी लगाई थी।