71 साल की बुजुर्ग महिला ने कोरोना को दी मात, फेफड़ों में 75 फीसद इन्फेक्शन के बावजूद नहीं हारी हिम्मत

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फरीदाबाद : [मामेन्द्र कुमार ] गुर्दा में पहले से दिक्कत। तीन आपरेशन झेल चुकी और गाल ब्लैडर और यूट्रस पहले से निकाले जा चुके। ऐसे में किसी बुजुर्ग को कोरोना हो जाए और फेफड़ों में 75 फीसद इन्फेक्शन के साथ आक्सीजन का स्तर महज 35 पर पहुंच जाना। ऐसे मामलों को देख कर तो निजी अस्पताल के डाक्टर भी न कह देते हैं, क्योंकि ठीक होने की आशा कम दिखाई देती है। अब यह 71 वर्षीय किरन चौहान में जीने की प्रबल इच्छा और आत्मबल का ही कमाल था कि जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में 19 दिन उपचार कराने के बाद जब 22 मई को डाक्टरों ने कहा कि अब वो संकट से बाहर निकल चुकी हैं और घर जा सकती हैं, तो वृद्धा के चेहरे पर विजयी मुस्कान तैर गई। व्हील चेयर पर बैठी किरण चौहान विक्ट्री चिन्ह बनाए बेटे सुनील संग जब घर को रवाना हुई, तो यह बताने के लिए काफी था कि वो कोरोना को पराजित कर चुकी हैं।

जिजीविषा, हिम्मत और हौसलो भरी ये कहानी है औद्योगिक नगरी के सेक्टर-55 के मकान नंबर 760 की निवासी किरण चौहान की। दैनिक जागरण से बातचीत में किरण चौहान ने बताया कि उन्हें दो मई को हल्का सा बुखार हुआ। घर पर दवा ली, पर बुखार नहीं उतरा। घर पर ही काढ़ा और दवाई लेती रही। चार मई को जब सांस लेने में कुछ दिक्कत हुई तो छोटे बेटे सुनील को बताया।

सुनील बुजुर्ग मां को गाड़ी में लेकर एक-एक कर शहर के सात निजी अस्पतालों में गया, पर सभी ने बेड न होने की बात कह कर परेशानियों से भरे मां-बेटे की मुश्किलों को और बढ़ा दिया। बकौल सुनील, इस पर वो अपनी मां को बादशाह खान अस्पताल लेकर गए। आवश्यक जांच में सामने आया कि फेफड़े 75 फीसद संक्रमित हो चुके हैं। खैर इमरजेंसी में ही डा.प्रशांत सोनी, डा.मोनिका, डा.सुमाती व डा.सोनू की देखरेख में उपचार शुरू हुआ। सुनील और वायुसेना में कार्यरत बड़े भाई अनिल इमरजेंसी में ही मां की देखभाल में जुट गए।

इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। नर्सों में अंजू, मीनाक्षी, खुशबू, सरिता, रेनू व प्रियंका द्वारा की गई सेवा की सराहना करते हुए किरन चौहान कहती हैं कि बस मुझे यह जुनून था कि वायरस को मात देकर वापस घर लौटना है और बच्चों-नाती-पोतों संग हंसी-खुशी जिंदगी का आगे का सफर तय करना है। अब आइसोलेशन में स्वस्थ लाभ ले रही हूं, सभी से यहीं कहूंगी कि संक्रमित होने पर हिम्मत न हारें, ईश्वर पर विश्वास रखें और डाक्टरों की सलाह अनुरूप दवा लें। संक्रमण अपने आप भाग जाएगा।

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