देशभर के डॉक्टर्स की योग गुरु रामदेव पर FIR की मांग, आज विरोध में सभी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे

0 16

योग गुरु बाबा रामदेव ऐलोपैथी पर दिए अपने विवादास्पद बयान के चलते मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं। बाबा के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के जूनियर डॉक्टर्स और दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स ने FIR की मांग की है। इसके लिए विरोध प्रदर्शन के तौर पर सभी डॉक्टर्स मंगलवार को हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। IMA के सीनियर डॉक्टर्स ने भी इसका सपोर्ट किया है।

दरअसल, बाबा रामदेव ने एलोपैथी को बकवास और दिवालिया साइंस कहा था। इस बयान ने जमकर हंगामा मचा दिया है। इसके बाद IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रामदेव पर मुकदमा चलाने की मांग भी की थी।

सभी डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर काम करेंगे
IMA ने सोमवार को कहा कि हमारे जूनियर डॉक्टर्स के साथ FORDA, FIMA और RDA संघ ने भी काली पट्टी बांधकर काम करने का ऐलान किया है। हम भी उनके इस कदम की सराहना करते हैं और हमारे सदस्य डॉक्टर भी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि IMA पूरे देश में 10 लाख फ्री वैक्सीन लगाने का काम कर रहा है।

IMA को गंभीरता से नहीं लेता: रामदेव
वहीं, रामदेव ने कहा कि IMA से मेरी कोई लड़ाई नहीं है। मैं संगठन को गंभीरता से नहीं लेता हूं। मैं उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ हूं, जो गैरजरूरी टेस्ट और ऑपरेशन करते हैं। यह बात मैं अकेला नहीं, बल्कि मेदांता अस्पताल के हेड डॉक्टर नरेश त्रेहान और एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया भी कहते हैं।

उन्होंने कहा कि मॉडर्न मेडिकल साइंस ने लाइफ सेविंग ड्रग्‍स दिए और एडवांस सर्जरी की है। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन बीपी, शुगर, थाइराइड, अर्थराइटिस और फैटी लीवर जैसी 98% बीमारियों का इलाज हम योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी से कर सकते हैं।

बाबा रामदेव के ऐलोपैथी पर दिए बयान से मचा बवाल

  • हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने योग गुरु बाबा रामदेव पर एलोपैथी इलाज के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया था।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को लिखे पत्र में IMA ने कहा था कि सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बाबा एलोपैथी को बकवास और दिवालिया साइंस कह रहे हैं। इसके बाद IMA ने रामदेव को एक लीगल नोटिस भेजा था। डॉक्टर्स की संस्था ने रामदेव पर मुकदमा चलाने की मांग भी की थी।
  • IMA ने पत्र में लिखा था कि इससे पहले कोरोना के लिए बनाई गई अपनी दवा की लॉन्चिंग के दौरान भी रामदेव ने डॉक्टर्स को हत्यारा कहा था। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री भी मौजूद थे।
  • इसके बाद रामदेव की संस्था पतंजलि ने बयान जारी कर आरोपों को गलत बताया था। पतंजलि ने कहा था कि मॉडर्न साइंस और उसकी प्रैक्टिस करने वाले लोगों के प्रति बाबा रामदेव कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं। IMA ने उन पर जो आरोप लगाए हैं, वे गलत हैं।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने चिट्‌ठी लिखकर बाबा रामदेव से बयान वापस लेने के लिए कहा। हर्षवर्धन ने कहा था कि एलोपैथी से जुड़े हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टर बहुत मेहनत से कोरोना मरीजों की जान बचा रहे हैं। आपके बयान से कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। उम्मीद है कि आप अपने बयान को वापस लेंगे।
  • इस पर स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने कहा कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं।
Leave A Reply

Your email address will not be published.