जब तक मेरे शरीर में आखिरी सांस भी बकाया है, लोगों की समस्याओं का समाधान करता रहूंगा: विज

चंडीगढ़ :  लोगों की बदौलत हु,लोगों ने चुना है।यह अल्फाज हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के है।भजपा जब विपक्ष में थी,चन्द विधायक ही भजपा के थे।तब भी विधनंसभा में भजपा की आवाज व पहंचान बने अनिल विज के आज भी वही अल्फाज हैं जो तब थे। लोग न्याय की आस लेकर, मुझसे मिलने की चाह लेकर दूरदराज के क्षेत्रों से मेरे दर तक पहुंचे और मेरे खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कर्मचारी और सुरक्षा एजेंसियां मुझसे न मिलने दें, यह सरासर गलत होगा। भले ही मेरा स्वास्थ्य कितना भी खराब क्यों न हो, मेरे दर पर पहुंचे हर व्यक्ति को न्याय देना मेरा धर्म-मेरा कर्तव्य और जिस पद पर मैं विराजमान हूं उसकी नैतिकता बनती है। यह कहना है प्रदेश के ग्रह- स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज का। जो गंभीर तरीके से बीमार अथवा दुर्घटनाग्रस्त होने के बावजूद भी लोगों से मुलाकात करने के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर से वह गंभीर रूप से बीमार हैं। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर द्वारा ऑक्सीजन मात्रा सामान्य की जा रही है। उसके बावजूद अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए लगातार लोगों को न्याय देने में जुटे हैं। उनकी कार्यकुशलता और कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भले ही उन्हें चिकित्सकों ने कंप्लीट बेड रेस्ट और गंभीरता से इलाज की सलाह दी है। लेकिन बावजूद इसके वह पहले की तरह दरबार सजा कर रोजाना 300 लोगों की समस्याओं को सुनते भी है और समस्या सही लगने पर तुरंत प्रभाव से अधिकारियों को या तो फोन करते हैं या लिखित आदेश करते हैं।

अनिल विज का कहना है कि मैं एक साधारण परिवार से हूं और हर व्यक्ति की पीड़ा को समझता हूं। जब तक मेरे शरीर में आखिरी सांस भी बकाया है, लोगों की समस्याओं का समाधान करता रहूंगा। जब तक मेरी सांस चलती रहेगी, मेरा दरवाजा हर पीड़ित के लिए खुला रहेगा। उनका मानना है कि उनके दर पर प्रदेश के लोग तब पहुंचते हैं, जब वह सभी जगह से निराश हो चुके होते हैं। परमात्मा ने जन्म जनसेवा के लिए दिया है और अगर ऐसे ही बीमारियों में समय व्यस्त करते रहे तो जनसेवा कैसे कर पाएंगे। उनका मानना है कि प्रदेश के कोने-कोने से उनके पास फरियादी पहुंचते हैं। कोई बस से पहुंचता है, तो कोई अपने किसी साधन से और अगर वह मौके पर ना मिले तो लोगों को कितनी निराशा हाथ लगेगी, इसका अंदाजा नहीं लगा सकते। विज ने कहा कि हर व्यक्ति में परमात्मा का वास है और परमात्मा अगर निराश हुआ तो फिर जीवन का क्या फायदा।

गृहमंत्री अनिल विज ने ऑक्सीजन पाइप लगाकर प्रदेश के कोने कोने से आए लोगों की शिकायतें सुनकर फोन के माध्यम से भी काफी लोगों के समस्याओं का समाधान कराते है। शिकायतों को को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने के लिए लिखते हैं जब से गृहमंत्री अनिल विज ने गृह मंत्रालय का कामकाज संभाला है उनके काम करने के तरीके से पुलिस मे  लोगों का विश्वास बढ़ा है लोगों को पूरा विश्वास है कि जब वह गृह मंत्री अनिल विज के पास शिकायत लेकर जाएंगे। तो उसका समाधान जरूर होगा ।अनिल विज की यह खासियत है कि वह कभी शिकायतकर्ता से यही नहीं पूछते। कि आप कहां से आए हो कौन से पार्टी से हो क्या आपने पिछले चुनाव में मेरा साथ दिया या नहीं दिया वह शिकायतकर्ता को एक शिकायतकर्ता के रूप में ही देखते हैं और उसकी अगर शिकायत सही है तो उसके निवारण के लिए पूरा प्रयास करते हैं अनिल विज को अक्सर यह कहते हुए सुना जाता है कि मैं गरीबों का मंत्री हूं। मैं अपने आपको अभी भी अपने आप को मंत्री नहीं एक कार्यकर्ता ही मानता हूं लोगों की समस्याओं का समाधान करना मैं अपना कर्तव्य मानता हूं यही कारण है कि मैं जो लोग प्रदेश के कोने-कोने से आए होते हैं मैं तबीयत खराब होने के बावजूद  भी उनकी समस्याओं को सुनता हूं ताकि वह निराश होकर वापस ना जा।