शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का उत्थान संभव।
आज जब शिक्षा और साक्षरता का प्रयास सरकारी तथा गैर सरकारी स्तर पर चारों ओर दिखाई पड़ रहा है तथा शिक्षा जन शिक्षा का स्वरूप धारण करने के लिए मचल रही है तो शिक्षा में यदि राष्ट्रीय बोध न रहा तो साक्षर व्यक्ति राक्षस बन जायेगा और शिक्षित…
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