जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी ने नीट कोर्स की मुफ़्त सुविधा उपलब्ध कराई।

नीट कोर्स में एडमिशन के छात्रों के लिए योग्यता 12वीं क्लास, फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ 50% नंबरों से पास होना अनिवार्य है: शौकत मुफ्ती

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नई दिल्ली: बिजनेस और एंप्लॉयमेंट ब्यूरो (बी. ई. बी.), गरयूटी, एमपी और जामिया हमदर्द के सहयोग से जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में नीट की मुफ्त कोचिंग क्लास का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर जामिया हमदर्द के उपकुलपति प्रोफेसर अफशार आलम ने जामिया हमदर्द और स्वर्गीय हकीम अब्दुल हमीद की खिदमत का जिक्र करते हुए कहा के जामिया हमदर्द का मकसद यही है कि लोगों के अंदर शिक्षा की रौशनी फैलाई जाए। इसी लिए पढ़ा लिखा समाज बनाने में यूनिवर्सिटी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक हजारों लोगों को रोजगार दिया जा चुका है।

बी. ई. बी. के एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी शौकत मुफ्ती ने बी. ई. बी., जामिया हमदर्द, हकीम अब्दुल हमीद और नीट कोर्स के संबंध से विस्तार से संवाददाता को बताया। उन्होंने कहा कि हर चीज आसानी से नहीं मिलती बल्की बहुत मेहनत और लगन उसके पीछे छुपी होती है। जो लोग यहां मौजूद हैं उनका दायित्व है कि वह दूसरों को भी अपने साथ लाएं ताकि इस कोर्स से अधिक से अधिक समाज के बच्चे लाभ उठा सकें। शौकत मुफ्ती ने कहा कि जो कोर्स यहां कराया जा रहा है इसे बाहर करने के लिए 2 लाख रुपए भी कम पड़ेंगे।
शौकत मुफ्ती ने कहा के अगर कुछ बच्चे ऐसे हैं जो हमदर्द विश्वविद्यालय में नहीं आ सकते हैं उन्हें हम मोबाइल पर भी एक्सेस दे देंगे ताकि वह ऑनलाइन के माध्यम से ट्रेनिंग में भाग ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त हम आईआईटी, जे. ई. की अगले महीने से ट्रेनिंग शुरू करेंगे। इस के साथ ही बी. ई. बी. बहुत से अतिरिक्त कदम उठा रहा है जैसे ड्रोन कैसे बनाया जाता है, फॉरेंसिक साइंस की भी तैयारी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों में स्किल पैदा करना चाहते हैं अगर हुनर उनके अंदर आ गया तो सब कुछ आ जाएगा। इस के लिए ही हम उन्हें ट्रैनिंग दे रहे हैं।
नीट कोर्स को लेकर शौकत मुफ्ती ने विस्तार से बताया कि हम इसकी रोजाना एक घंटे के तीन लेक्चरर वीडियो के माध्यम से यहां देंगे और इसका समय सुबह 11:00 बजे से 3:00 बजे तक रहेगा। इसकी क्लासें जामिया हमदर्द की सी एल बिल्डिंग में होंगी। इसके लिए योग्यता 12वीं क्लास, फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ 50% नंबरों से पास होना आवश्यक है। इसकी रजिस्ट्रेशन फीस ₹500 होगी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय हकीम अब्दुल हमीद का सपना और मकसद भी यही था कि लोगों को अधिक से अधिक ट्रेनिंग देकर हुनर मंद बनाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए। शौकत मुफ्ती ने की हमे इस कार्य को करने में हमेशा सहयोग कुलपति हम्माद अहमद, हामीद अहमद और साजिद अहमद का मिलता है।
ट्रेनर और ग्रेयूटी के डायरेक्टर मोहम्मद शोएब ने कहा के हमने ग्रेयूटी की शुरुआत 2016 में कि उसे समय हमारे पास 40 बच्चे थे जिनमें 30 कामयाब हुए। इसके बाद यह सिलसिला बढ़ता गया अब हमारा मकसद दिल्ली में अपनी ब्रांच खोलना है हम चाहते हैं कि बच्चों की रैंक में सुधार हो और नए बच्चों को सीखने का अवसर मिले। क्योंकि बच्चों को लगे की 45 दिनों में जब इतना सीख लिया है तो पूरी तैयारी में तो बहुत कुछ सीख जाएंगे। हमारे पास बहुत अच्छी शिक्षक की भी टीम है। इस दौरान प्रोफेसर मंजू छूगानी, प्रोफेसर फरहत बशीर समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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