फिक्की ने किया महिलाओं में शिक्षा और संस्कार हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन।
फे़स इस्लामिक कल्चर कम्यूनिटी इंटीग्रेशन (फिक्की) द्वारा तालीम और तरबियत विषय पर एक महिला जागरूकता कार्यक्रम फे़स स्टूडियों में आयोजित किया गया।
नई दिल्ली। फे़स इस्लामिक कल्चर कम्यूनिटी इंटीग्रेशन (फिक्की) द्वारा तालीम और तरबियत विषय पर एक महिला जागरूकता कार्यक्रम फे़स स्टूडियों में आयोजित किया गया। फिक्की महिला विंग की अध्यक्ष शहाना अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में आलिमा मेहरूनिशां मलिक, आलिमा जाहिदा बेगम, आलिमा अफरोज़ जहां, आलिमा राशिदा बेगम, अज़मत सिद्दीकी, शमा मालिक व दरकंशा खातून आदि वक्ताओं ने अपने ख्यालात का इज़हार किया।
इस मौके पर आलिमा मेहरूनिशां मलिक ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिला वर्ग में शिक्षा और संस्कार की अधिक जरूरत है क्योंकि घर की नाज़िम महिला होती है। घर की महिला प्रमुख जिस तरह का माहौल तैयार करेगी उसका प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़ेगा। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वह मज़हब की रोशनी में घर का निज़ाम कायम करें ताकि घरों में खुशहाली आ सके। आलिमा जाहिदा बेगम ने कहा कि हम अपने बच्चों की मॉर्डन एजूकेशन पर तो पूरी तर्जी देते हैं लेकिन मज़हबी तालीम को नज़र अंदाज करते हैं जबकि एक इंसान तब तक मुकम्मल मुसलमान नही हो सकता जब तक वह दीनी तालीम हासिल ना कर ले। उन्होंने कहा मॉर्डन एजुकेशन से कोई एतराज नही लेकिन दीनी तालीम भी बेहद जरूरी है। आलिमा अफरोज़ जहां ने कहा कि हमें अपने बच्चों की दिनचर्या पर भी ध्यान देना होगा उनकी संगत किस तरह के बच्चों के साथ है क्योंकि बड़े अफसोस के साथ बताना पड़ रहा है कि माता-पिता की लापरवाही के कारण एक करोड़ युवा मुर्तद होने की कगार पर हैं। आलिया मेहरूनिशा मलिक ने लड़कियों की तालीम पर खास ज़ोर देते हुए कहा कि घर में दीनी माहौल ना होने के कारण नमाज, रोज़ा व अन्य दीनी मामलात से गाफिल हैं और जब ऐसे हालात से निकलकर हमारी बच्चियां अपनी ससुराल जाती हैं तो वहां भी बेदीनी फैलाती हैं, इसलिए नई नस्लों से दीन कम होता जा रहा है। आलिमा जाहिदा बेगम ने कहा कि अधिकांश घरों का माहौल दीन से इतना ग़ाफ़िल है कि औरतों व बच्चियों को नमाज़ भी ठीक से याद नही है, ऐसे हालात में उनकी इबादत और दुआएं कैसे कबूल होंगी। उन्होंने कहा हमें अपने आमालों को दुरूस्त करने की जरूरत है।
खास तौर से महिला वर्ग में मज़हबी तालीम व तरबियत के प्रति जागरूकता लाने की गरज से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में दिल्ली के अलग-अलग कई इलाकों की जिम्मेदार महिलाओं ने शिरकत की जिसमें आशिया अख्तर, अल्लाहदी, उज़मा अंसारी, शहनाज अख्तर, जैनब अंसारी, सलमा अंसारी, रूखसाना बेगम, गुलफंशा अंसारी, इरम के नाम प्रमुख हैं।