बिना किसी दबाव के जनहित की खबरें मिडिया को दिखानी चाहिए: डॉ. सुभाष चंद्रा

डॉ. सुभाष चंद्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में मिडिया जगत से आए विभिन्न मिडिया संस्थानों के प्रतिनिधि के सभी प्रश्नों का भरपुर तरीके से उत्तर दिया। उन्हों ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता के बिना एक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती। जी मीडिया की प्रतिबद्धता हमेशा इस स्वतंत्रता को बनाए रखने और सार्वजनिक हित की पत्रकारिता को बढ़ावा देने की रहेगी।

 डॉ सुभाष चंद्रा, पूर्व राज्यसभा सांसद

नई दिल्ली: ज़ी मीडिया समूह के चेयरमैन एवम पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने पांच सितारा होटल में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्र मीडिया देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक ढांचे और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्हों ने अपनी बात कहते हुए यह भी स्वीकारा की लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यानी मीडिया आजकल अभूतपूर्व दबाव का सामना कर रहा है। देश के सबसे पुराने न्यूज चैनल जी न्यूज के साथ घटी ताजा घटना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने अरविंद केजरीवाल के इंटरव्यू का कुछ विवादास्पद कंटेंट टेलिकास्ट नहीं करने के कारण राज्य भर में जी न्यूज,जी PHH और जी दिल्ली एनसीआर चैनलों पर रोक लगा दी थी।

हालांकि, जी न्यूज ने इस दबाव के खिलाफ कानूनी कदम उठाते हुए आठ दिनों बाद ही अपने चैनलों को बहाल करने में सफलता हासिल की। इस घटना के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.सुभाष चंद्रा ने मीडिया की स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिडिया जगत की महत्वपूर्ण प्रतिनिधि को संबोधित करते हुए कहा कि जी मीडिया हमेशा निष्पक्ष और विश्वसनीय समाचार प्रस्तुत करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

डॉ. सुभाष चंद्रा, पुर्व राज्य सभा सांसद लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया पर अब सत्ताधारी वर्ग का दबाव बढ़ रहा है, चाहे वह विधायिका हो, कार्यपालिका हो, कॉरपोरेट हो या फिर कोई और।

कोई भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार’ हैं हम लेकिन मिडिया अपनी भूमिका नहीं छोड़ सकता है।

डॉ. चंद्रा ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा ‘सरकारें विज्ञापन के प्रभाव या सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल से मीडिया पर दबाव डालती हैं, ताकि प्रेस को तथ्यात्मक जानकारी प्रकाशित करने से रोका जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘मैं और मेरी टीम अपने पाठकों/दर्शकों के प्रति अपना ‘धर्म’ निभाने के लिए कीमत चुकाने या कोई भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं।