दिल्ली के सिविक सेंटर में भव्य उर्दू कवि सम्मेलन का आयोजन।

मुशायरे और कविता की एक अभूतपूर्व महफ़िल एक साथ एक ही मंच पर सजाई गई। यह एतिहासिक शाम उर्दू और हिंदी कवियों के नाम “अंदाज़ ए बयां और" दुबई एवं “बारादरी” गाज़ियाबाद की अनोखी पहल से संभव हुआ।

नई दिल्ली: उर्दू और हिंदी कविताओं के चाहने वालों से पूरा सभागार भरा हुआ था। जहां हर एक ताली से शायरों व कवियों का स्वागत किया जा रहा था। इस विशेष अवसर पर डॉक्टर माला कपूर “गौहर”  व डॉक्टर उर्वशी अग्रवाल”उर्वी”  ने अपने स्वागत संबोधन के साथ सभी का कार्यक्रम में स्वागत किया और एक ऐसी शाम का आयोजन किया गया जो की अपने आप में एक खूबसूरत छाप छोड़ गई। जहां ऐसा लगता है कि शायद अन्य सभी ऐसे आयोजन संभवतः  इसके सामने बिल्कुल फीके पड़ गए हैं ।
“अदब की बारादरी की संस्थापक अध्यक्षा एवं प्रतिष्ठित शायरा और कवयित्री डॉ माला कपूर, “गौहर “ और प्रतिष्ठित कवयित्री और शायरा और  इस भव्य कार्यक्रम की संयोजिका डॉ उर्वशी अग्रवाल”उर्वी” द्वारा पिछले 23 फ़रवरी 2025 को नई दिल्ली में “बारादरी” ग़ाज़ियाबाद और “अंदाज़-ए -बयां” दुबई के तत्त्वाधान  में आयोजित  इस विश्वस्तरीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे  की समस्त रूपरेखा अंदाज़ ए बयां और, दुबई के रेहान सिद्दीकी व शाज़िया किदवई  के साथ मिलकर संयुक्त रूप से किया गया।
इस कार्यक्रम को आयोजित करने में इन चारों और इनकी समस्त टीम की लगन और मेहनत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी। लगभग 700 से 800 दर्शकों के क्षमता वाले केदारनाथ ऑडिटोरियम, सिविक सेंटर नई दिल्ली  के खचाखच भरे हुए हाल को देखकर इनकी मेहनत साफ़ नज़र आ रही थी और  सोने पे सुहागा तो ये था की यह कार्यक्रम टिकट के आधार पर था और जो समय कार्यक्रम का था उसी समय ही भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच भी था। ताज्जुब की बात तो यह है कि दिल्ली में शायद ये ऐसा पहला कार्यक्रम था जो की टिकट के आधार पर था जिस में कविता और मुशायरा एक ही मंच पर था और पूरा हॉल लगभग भरा हुआ था। यह कुछ विशेष बातें सिद्ध कर गई कि आज के इस डिजिटल युग में भी लोगों में कविता और मुशायरे में काफ़ी रुचि है और पैसे ख़र्च कर के भी इस आयोजन में शामिल हुए और न केवल शामिल हुए बल्कि इसके शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक सभी दर्शक रुचि के साथ बैठे रहे और इसका पूरा आनंद लिया जो कि एक अभूतपूर्व अनुभव था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया। उसके पश्चात माँ सरस्वती का माल्यार्पण किया गया। उसके पश्चात शमा रोशन की गई। तत्पश्चात सुप्रसिद्ध कवयित्री सरिता शर्मा ने सरस्वती वंदन किया और उसके बाद कार्यक्रम विधि-विधान के साथ शुरू किया गया।
कार्यक्रम  में  देश के नामचीन शायरों और कवियों में अपनी शायरी और कविताओं से दर्शकों का मन मोह लिया। शायरों और कवियों ने दर्शकों  की खूब वाह वाही एकत्र की। इस भव्य कार्यक्रम की शोभा देश के इन सभी शायरों और कवियों ने बढ़ाया। उन में मुख्य रूप से गोविंद गुलशन, मंगल नसीम , इक़बाल अशहर , अज़हर इक़बाल , अज़्म शाकरी, डॉ माला कपूर ‘गौहर’, महशर आफ़रीदी, सरिता शर्मा , पवन कुमार आईएएस ,ज़ुबैर अली ताबिश ,असलम राशिद ,अब्बास क़मर ,वरुण आनंद ,आशु मिश्रा,
मनु वैशाली ,हिमांशी बाबरा इत्यादि के नाम शामिल हैं।
देश के इन सभी वरिष्ठ एवं चर्चित शायरों और कवियों ने अपनी ग़ज़लों, शायरी और कविताओं से  अपनी बहुत अच्छी छाप दर्शकों पर छोड़ी।
कार्यक्रम का संचालन अत्यंत ही प्रभावी ढंग से किया वरिष्ठ शायर जनाब  अज़हर इक़बाल ने और इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर आदरणीय गोविंद गुलशन ने किया। इस कार्यक्रम ने एक इतिहास रच दिया बल्कि कहा जाए की एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया जिसे शायद आने वाले समय में अंदाज़े बयां और बारादरी ही पुनः आयोजित करके अपने इस कीर्तिमान को फिर से एक नया आयाम दे पाएंगे।
कार्यक्रम में सभी शायरों और कवियों का सम्मान भी किया गया  और सही मायने में सभी शायर व कविगण इस कार्यक्रम से अत्यधिक प्रभावित हुए हैं और वे सभी भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन अवश्य ही जुड़ना चाहेंगे।
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य नागरिक शामिल हुए जिन में प्रमुख थे मटिया महल विधानसभा के माननीय विधायक आले मोहम्मद इकबाल, जर्नलिज्म टुडे ग्रुप के एडिटर इन चीफ जावेद रहमानी अथवा अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं व्यवसायीगण भी शामिल हुए।
कार्यक्रम का समापन अत्यंत ही गरिमा पूर्ण तरीके से किया गया और आयोजकों ने सभी दर्शकों का, शायरों का और कवियों का अनेकानेक धन्यवाद दिया।