पहली किताब में ही जादू बिखेर गईं सारिशा जैन — द फाइव एंड द मिस्टीरियस रिंग
नई दिल्ली: बच्चों के साहित्य की दुनिया में एक नई और ताज़ा आवाज़ के रूप में उभर रही हैं युवा लेखिका सारिशा जैन। अपनी पहली ही किताब द फाइव एंड द मिस्टीरियस रिंग में उन्होंने रहस्य, दोस्ती और रोमांच का ऐसा सुंदर मेल रचा है, जिसे न केवल मिडिल-Age पाठक बल्कि हर उम्र के लोग पसंद करेंगे।
कहानी पांच दोस्तों — एमिली, सारा, लियाम, जेक और मैक्स — के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनकी गर्मियों की छुट्टियां अचानक रोमांच से भर जाती हैं, जब उन्हें एक छिपी हुई गुफा और एक रहस्यमय, प्राचीन अंगूठी मिलती है।
शुरुआत में तो यह बस एक साधारण-सी जिज्ञासा लगती है, लेकिन धीरे-धीरे घटनाएं रहस्य और चुनौतियों में बदल जाती हैं — गुप्त कोड तोड़ना, गुप्त रास्तों की खोज, विश्वासघात का सामना करना और वर्षों से दबी सच्चाइयों को उजागर करना।
सारिशा की लेखन शैली तेज़ और रोचक है, जिसमें रहस्य बनाए रखने के साथ-साथ एक ऐसा अपनापन है जो कहानी के केंद्र में मौजूद दोस्ती को जीवंत और भरोसेमंद बनाता है। किताब में दिए गए पहेलियां नयापन लिए हुए हैं, पात्रों की अपनी-अपनी अलग पहचान है, और भरोसा, टीमवर्क व हिम्मत जैसे विषयों को सच्चाई से प्रस्तुत किया गया है।
इस किताब की शुरुआत लेखिका की मां शेफाली जैन के एक भावपूर्ण प्रस्तावना से होती है, जो इसमें निहित लगन और जुनून की झलक देती है।
एनिड ब्लाइटन की याद दिलाने वाली रोमांचक शैली के साथ, लेकिन एक नए अंदाज़ में लिखी गई द फाइव एंड द मिस्टीरियस रिंग बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक और कल्पनाशील यात्रा है।
सार : एक दिलचस्प रहस्य और आत्मविश्वास से भरी पहली रचना — सरीशा जैन बच्चों के साहित्य में ध्यान देने योग्य नाम हैं।
पुस्तक विवरण
शीर्षक: द फाइव एंड द मिस्टीरियस रिंग
लेखक: सारिशा जैन
श्रेणी: फ़िक्शन / मिस्ट्री / एडवेंचर
प्रारूप: पेपरबैक व ई-बुक
मूल्य: ₹299 / $10
उपलब्धता: देशभर के बुकस्टोर्स व ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स