स्वर्गीय अतीक मुजफ्फरपुरी को उनकी ईमानदार पत्रकारिता केलिए सदैव याद किया जाएगा : जलालुद्दीन असलम
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नई दिल्ली: दिवंगत अतीक मुजफ्फर पुरी की 7वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सायबान फाउंडेशन की ओर से आई पी एक्सटेंशन स्थित उनके आवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार जलालुद्दीन असलम ने कहा कि दिवंगत अतीक मुजफ्फरपुरी बेहद गुणी और नेकदिल इंसान थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मुजफ्फरपुरी ने अपने जीवन में शिक्षा को लेकर जो प्रयास किया था आज हम इन प्रयासों का फल अपनी आंखों से देख रहे हैं।
“मैं अक्सर उनसे के साथ वर्तमान स्थिति के बारे में लंबी बातचीत करता था और जिस विषय पर उन्होंने जोर दिया था वह शिक्षा और मुसलमानों के पिछड़ेपन को कैसे दूर किया जाए। यह उनकी सोच का परिणाम है कि वह एक छोटे से गांव जो आज भी पिछड़ेपन से जूझ रहा है उनका पैतृक गांव शैक्षिक पिछड़ेपन से पीड़ित है लेकिन स्वर्गीय अतीक मुजफ्फर पुरी ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद अपने चारों पूत्र में से तीन को उच्च चिकित्सा शिक्षा दी जो अलग अलग दिल्ली तथा पटना के सरकारी अस्पताल में सेवा प्रदान कर रहे हैं उनका यह अभूतपूर्व योगदान रहती दुनियां तक याद किया जाएगा”
मस्जिद फ़ज़ल ए एलाही जोशी कॉलोनी के इमाम हाफिज ज़हूर आलम ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा और समाज कल्याण पर मरहूम के कई लेख समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में हमेशा पढ़े जाते थे वह लेख आज के हालात पर आधारित मालूम होते हैं।
इंजीनियर मुहम्मद इम्तियाज अहमद ने कहा कि उनके आकस्मिक और असामयिक निधन से राष्ट्र का खास कर शिक्षा जगत का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। ऐसे कुछ ही लोग हैं जो अब अपने लिए नहीं समाज के लिए जीते हैं उनमें से स्वर्गीय अतीक मुजफ्फरपुरी एक थे।
मरहूम के बड़े पुत्र और जर्नलिज्म टुडे ग्रुप के ऐडिटर इन चीफ जावेद रहमानी जी ने कहा कि आज उनकी अनुपस्थिति को 7 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन आज भी मुझे मरहूम का संरक्षण प्राप्त है। उनके बताए हुए शिक्षा के कार्यों को आगे ले जाने की लगातार कोशिशों में जुटे हुए हैं। ईश्वर से प्रार्थना है की ईश्वर हमे हिम्मत दे।

इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने मरहूम के लिए दुआ मांगी के अल्लाह उन्हे जन्नत में दाखिल करे और उनके दरजात बुलंद करे।
इस प्रोग्राम में शामिल डॉ. मुहम्मद आदिल सीएमओ – यूपीएससी दिल्ली सरकार, डॉ. मुख्तार आलम, मुहम्मद खालिद, विकास कुमार मिश्रा, राशिद रहमानी, मुहम्मद नासिर हुसैन, आसिफ रहमानी, मुहम्मद अदनान और मुहम्मद समर हैं।
बिहार के अलग अलग हिस्सों पर दिवंगत को किया गया याद-
चूंकि स्वर्गीय अतीक मुजफफरपूरी साहब का मूलतः जन्म स्थान और अधिकतर सेवा छेत्र बिहार रहा है विशेषकर जिला मुजफ्फरपुर,पटना,दरभंगा,सीवान,किशनगंज जहां उन्होंने अपनी लेखनी,शिक्षा के द्वारा एक बहुत बड़े तबके का विकास किया खासकर अल्पसंख्यक समाज में शिक्षा के प्रति एक ज्योत जलाई।
उनकी 7वी पुण्यतिथि पर उनके पुत्र डॉक्टर तनवीर आलम और पुत्रवधु डॉक्टर ज़ेबा ने अपने पटना आवास पर क़ुरआन ख्वानी का आयोजन किया एवं गरीब गुरबो में खाने पीने की चीजों का वितरण किया।
इस अवसर पर स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और अतीक साहब के अल्पसख्यक समाज में किए गए कार्यों का स्मरण किया गया।

Meri dua he
Allah unhe jannat me dakhil kare