बिजनेस एंड एंप्लॉयमेंट ब्यूरो (बी. ई. बी.) की ओर से जामिया हमदर्द में सिलाई ट्रेनिंग का पहला बैच सफल हुआ।
लड़कियों ने अपने हाथों से तैयार किए हुए लिबास पहनकर फैशन शो में भाग लिया। इस अवसर पर बी.ई.बी. के सेक्रेटरी शौकत मुफ्ती ने कहा कि हम स्वर्गीय हकीम अब्दुल हमीद के मिशन पर न सिर्फ चल रहे हैं बल्कि उस को आगे ले जा रहे हैं।
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नई दिल्ली: (जर्नलिज्म टुडे संवाददाता) स्वर्गीय हकीम अब्दुल हमीद के स्थापित संस्था बिजनेस एंड एंप्लॉयमेंट ब्यूरो (बी ई बी) के अंतर्गत लड़कियों को सिलाई इत्यादि सिखाने की वर्कशॉप मुकम्मल हो गई है। इस अवसर पर जामिया हमदर्द के हकीम अब्दुल हमीद ऑडिटोरियम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली लड़कियों ने अपने हाथों से तैयार किए गए अलग-अलग डिजाइन के सूट पहनकर फैशन शो में भाग लिया। ट्रेनिंग के इस पहले बैच में 43 लड़कियों ने हिस्सा लिया था और अब दूसरे बैच की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी तैयारी सिर्फ 3 दिन में ही पूरी कर ली गई थी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान बी. ई. बी. के सचिव शौकत मुफ्ती ने निभाया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के उप कुलपति प्रोफेसर अफशार आलम ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर मिसेज डॉक्टर वली और मिसेज अफशर आलम इतियादी शामिल रहीं। बी ई बी के सेक्रेटरी शौकत मुफ्ती ने जामिया हमदर्द हकीम अब्दुल हमीद और बी ई बी की इतिहास की व्याख्या करते हुए बताया कि हमारे इस संस्था को 50 साल पूरे हो गए हैं और कुछ समय पहले ही इस संस्था की गोल्डन जुबली मनाई गई थी
उन्होंने बताया कि बीई बी की स्थापना हकीम अब्दुल हमीद ने 1972 में इस मकसद के साथ रखी थी के यहां बेरोजगारों को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए और उनके लिए नौकरियां प्रदान की जाए। स्वर्गीय हकीम साहब अपनी जीवन में हमेशा इसी मिशन और मकसद के साथ काम करते रहे और उनके देहांत के बाद भी यह संस्था प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्हों ने बताया गया की अब तक सैकड़ों बेरोजगारों को रोजगार मिल चुका है। इस अवसर पर हमें चांसलर हम्माद अहमद, हामिद अहमद और साजिद अहमद का भरपूर सहयोग प्राप्त रहा है। उन्होंने बताया कि यह सभी लड़कियों को मुफ्त ट्रेनिंग दी गई है और अब हम दूसरे बैच की तैयारी कर रहे हैं। हमदर्द यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अफशार आलम ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि बी ई बी ने अपने 50 साल पूरे किए हैं और यह संस्था हकीम साहब की महत्वपूर्ण यादगार में से एक है जो लोगों को रोजगार से जोड़ा है। जामिया हमदर्द का पूरा सहयोग इस संस्था के साथ है। मैं सभी लड़कियों के प्रति उनके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं। इस अवसर पर स्थानीय काउंसलर वीर सिंह ने जामिया की महत्वपूर्ण योगदान की खूब प्रशंसा की और बताया कि यह मेरी खुशनसीबी है कि मुझे हकीम साहब की सोहबत में बैठने का अवसर मिला है और आखिरी वक्त तक अपने मरीजों का इलाज करते रहे। प्रोफेसर फरहत बशीर खान ने कहा कि आज के दौर में बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर नौजवान बेरोजगार हैं और भटक रहे हैं मगर जामिया हमदर्द के बीवी संस्था ने जो कारनामा अंजाम दिया है वह सराहनीय यहां बेरोजगारों को ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ना जो अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण जज्बा है। इस। में बच्चियों को सिलाई की ट्रेनिंग देने वाली इंस्ट्रक्टर रुखसार का कहना है कि यहां सभी बच्चों ने बड़ी मेहनत की है और सब ने खुद से अपना अपना ड्रेस तैयार किए हैं जो बहुत ही सुंदर के साथ साथ फैशनेबल भी हैं।