PoK में “भेदभावपूर्ण और दमनकारी” कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

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मुजफ्फराबाद : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद शहर में अस्थायी और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने वाले “भेदभावपूर्ण और दमनकारी” कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार पर भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और  PoK निवासियों  पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र की सरकार  ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों  को नियमित करने की वर्षों  पुरानी मांगों को पूरा करने में आनाकानी  कर रही नौकरी सिर्फ सत्ताधारी पार्टी के प्रति निष्ठा या किसी अन्य प्रकार के संबंध रखने वालों को ही मिली है। इस कानून को चुनौती देते हुए क्षेत्र के उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की गई है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ताओं जिनमें पांच युवा और दो प्रमुख नागरिक समाज के कार्यकर्ता शामिल हैं, ने कहा कि यह कानून कब्जे वाले क्षेत्र के ‘संविधान’ के साथ “असंगत और उल्लंघन ” था और संयुक्त राष्ट्र चार्टर ऑफ ह्यूमन राइट्स के खिलाफ पारित किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून के तहत  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में युवाओं को वर्षों से व्यवस्थित रूप से रोजगार से वंचित कर दिया गया है। यहां तक ​​​​कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय परीक्षण सेवा, जो पाकिस्तान में अकादमिक प्रदर्शन मूल्यांकन परीक्षणों का संचालन करती है, भी इस क्षेत्र के युवाओं पर विचार नहीं करती है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा कानून को वापस लेने या अदालत द्वारा रद्द किए जाने तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई है।बता दें कि  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बेरोजगारी दर इस्लामाबाद द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में सबसे खराब है।

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